
रीवा. खरीद केन्द्र प्रभारियों की अनदेखी के चलते अन्नदाता की जेब पर ट्रैक्टर-ट्राली का किराया भारी पड रहा है। कई किसान उपज की तौल करने केन्द्र पर पहुंचने के लिए किराए से ट्रॉली-ट्रैक्टर लिया है। समय से तौल नहीं होने से ट्रैक्टर-ट्राली का हर रोज किराया बढा रहा है। बारिश के अलर्ट से दो दिन तक तौल स्थगित कर दिया गया है। जिससे किराए पर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर उपज के तौल के इंतजार में खडे कई किसान बैरंग लौट गए। कुछ किसानों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से किया है।
ट्रैक्टर का किराया 1400 रुपए खर्च कर बैरंग लौटे
अतरैला (चाक) खरीद केन्द्र पर मैसेज मिलने के बाद किसान फनेश ङ्क्षसह के बेटे मंगलेश्वर तौल के लिए दो बार गए, किसान के बेटे ने कलेक्टर को जानकारी दी कि 35-40 क्विंटल गेहूं की तौल के लिए 700 रुपए में ट्रैक्टर-ट्राली किराए पर लिया है। दो बार तौल नहीं होने पर 1400 रुपए खर्च हो गए, दो दिन तक केन्द्र पर खडा रहा है। रात में ठहरने के लिए किसान को 600 रुपए और किराया देना पडा। कुल मिलाकर किराया के नाम पर दो हजार रुपए खर्च हो गए, लेकिन, अभी तक उपज की तौल नहीं हो सकी है।
कलेक्टर के हस्तक्षेप के भी तौल नहीं
मामले में कलेक्टर के हस्तक्षेप पर केन्द्र प्रभारी फौरन संंबंधित किसान से संपर्क किया। इसी तरह बडा गांव के ही राकेश ङ्क्षसह स्वयं के ट्रैक्टर पर दो बार उपज लेकर आए और गए, 800 रुपए का डीजल खर्च हो गया। ये कहानी अकेले इस केन्द्र पर नहीं। जिले के ज्यादातर केन्द्रों की है।
अनाज को समेटने में छूट रहा पसीना
खरीद केन्द्रों पर बडी मात्रा में समर्थन मूल्य पर तौल के बाद रखे आनज को समेटने में जिम्मेदारों का पसीना छूट रहा है। कई केन्द्रों पर गेहंू भीगने के बाद भी आज तक सूखा नहीं सके।
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