
21 मई 1997 के दिन एक पाकिस्तानी बल्लेबाज ने टीम इंडिया के खिलाफ कहर बरपाया था। वह दोहरा शतक लगाने वाला था लेकिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने टीम इंडिया की लाज बचाते हुए उस पाकिस्तानी बल्लेबाज को दोहरा शतक लगाने से पहले ही आउट कर दिया था। दरअसल, 24 साल पहले 21 मई के दिन चेन्नई में भारत और पाकिस्तान के बीच इंडिपेंडेंस कप के छठे मुकाबले में पाकिस्तानी ओपनर सईद अनवर ने 194 रनों की पारी खेली थी। यह तब की वनडे की सबसे पड़ी पारी थी। यहां तक की सईद अनवर ने वेस्टइंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स के 189 रनों की पारी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। हालांकि सचिन ने सईद अनवर को दोहरा शतक लगाने से रोक लिया था।
सचिन ने किया था आउट
उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने सईद अनवर को आउट किया था।सचिन ने बॉलिंग की और सईद अनवर ने उनकी बॉल पर शॉट मारा। सौरव गांगुली ने सईद का कैच लपक लिया और इस तरह से सचिन ने सईद अनवर को दोहरा शतक लगाने से रोक दिया। हालांकि वनडे इतिहास में 12 साल तक सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड सईद अनवर के नाम ही रहा। वर्ष 2009 में जिम्बाब्वे के क्रिकेटर चार्ल्स कोवेंट्री ने नाबाद 194 रनों की पारी खेलकर सईद अनवर के इस रिकॉर्ड की बराबरी की थी। वहीं 2010 में सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 200 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर अनवर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रिकॉर्डबुक में नाम दर्ज करा लिया था।
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22 चौके और पांच सिक्स
21 मई 1997 को खेले गए इस मैच में पाकिस्तान ने निर्धारित 50 ओवरों में 5 विकेट खोकर 327 रन बनाए थे। इस मैच में सईद अनवर ने 146 गेंदों का सामना करते हुए 194 रन बनाए। इस पारी में अनवर ने 22 चौके और पांच सिक्स लगाए थे। मैच में अनवर के लिए ज्यादातर समय शाहिद अफरीदी ने रनिंग की थी। इसी वजह से वे चेन्नई की गर्मी और उमस में बड़ी पारी खेलने में समर्थ रहे। वहीं इस मैच में टीम इंडिया 49.2 ओवर में 292 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। भारत की तरफ से राहुल द्रविड़ ने 107 और विनोद कांबली ने 65 रन बनाए थे।
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बेटी की मौत से टूट गए थे अनवर
सईद अनवर ने 2001 में अपना आखिरी टेस्ट मुल्तान में खेला। इस टेस्ट में उन्होंने शतक लगाया और इसके बाद उन्होंने टेस्ट क्रिेकेट नहीं खेला। इसके दो साल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया था। सईद अनवर के मुल्तान टेस्ट के पहले दिन शतक लगाने के दो दिन बाद ही उनकी साढ़े तीन साल की बेटी बिस्माह की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। इसके बाद अनवर ने फिर कभी टेस्ट मैच नहीं खेला। बेटी की मौत के बाद सईद अनवर का झुकाव धर्म की तरफ हो गया और वे इस्लाम के प्रचार- प्रसार में लग गए।
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