Responsive Ad Slot

Latest

latest

मर्डर केस: पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस पर बोले कोच-कुश्ती की छवि खराब होगी

Thursday, May 13, 2021

/ by REWA TIMES NOW

पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपी पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। इस मामले में पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और कोच वीरेंद्र कुमार का कहना है कि इससे कुश्ती की छवि खराब हो सकती है। बता दें कि भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील पर छत्रसाल स्टेडियम में हुए हत्याकांड में शामिल रहने का आरोप है। चार मई को पहलवानों के ग्रुप के बीच हुई हाथापाई में 23 वर्षीय पूर्व अंतरराष्ट्रीय ग्रीको रोमन पहलवान सागर धनकड़ की मौत हो गई थी।

बच्चों को कुश्ती की ट्रेनिंग में भेजने से डरेंगे माता—पिता
दिल्ली पुलिस ने सुशील के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था और पुलिस के अनुसार सुशील फरार हैं। 1992 में विश्व जूनियर चैंपियन में 58 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले वीरेंद्र इस मामले का कुश्ती पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। वीरेंद्र ने आईएएनएस से कहा कि जो माता-पिता अपने बच्चों को अभ्यास के लिए भेजते हैं वो डर जाएंगे। घर का बड़ा सदस्य युवाओं को कुश्ती की ट्रेनिंग में भेजने से डरेगा क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उसका बच्चा किसी गलत संगती का हिस्सा बने।

यह भी पढ़ें— पहलवान सागर धनखड़ मर्डर केस: मुश्किल में सुशील कुमार, पुलिस के हाथ लगे सुराग, परिजनों से हुई पूछताछ

लुकआउट नोटिस से गलत संदेश जाएगा
कोच ने कहा कि जब सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता तो इसने भारतीय पहलवानों की सोच को बदला और इन लोगों का लगा कि ये भी विश्व स्तर पर पदक जीत सकते हैं। लेकिन सुशील जैसे पहलवान का इस मामले में नाम सामने आना और दिल्ली पुलिस का उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करना पहलवानों के लिए गलत संदेश देगा। अगर युवा एथलीट अनुशासित नहीं हैं तो वह कभी अच्छे खिलाड़ी या नागरिक नहीं बन सकते हैं।"

यह भी पढ़ें— भारत के ग्रीको रोमन पहलवान नहीं हासिल कर पाए ओलंपिक कोटा, करना पड़ा हार का सामना

वीरेन्द्र का सुशील के ससुर से रिश्ता
वीरेंद्र का सुशील और उनके ससुर सत्पाल के साथ लंबा रिश्ता रहा है। वह सत्पाल की बहन के पति भी हैं। उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम में ही कुश्ती के गुर सीखे थे और बाद में वह यहां के कोच बने। साथ ही वीरेंद्र ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम की बुनियाद 1982 में एशिया खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सत्पाल सिंह द्वारा रखी गई। पहले ग्रुप में पांच या छह पहलवान थे जिसमें से एक मैं था। बता दें कि वीरेंद्र ने कुछ समय के लिए दिल्ली सरकार के साथ कोच के रूप में काम किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में 10 से 15 आयु वर्ग के करीब 200 से ज्यादा पहलवान छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3f7M9UM
https://ift.tt/3tH8jCH

No comments

Post a Comment

Don't Miss
© all rights reserved
made with by templateszoo