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सिटी बसों की संख्या तीन साल बाद भी पूरी नहीं करा पाया निगम

Thursday, May 20, 2021

/ by REWA TIMES NOW


रीवा। अमृत योजना के तहत सूत्र सेवा की सिटी बसों का संचालन रीवा सहित प्रदेश के कई शहरों में प्रारंभ हुआ है। दूसरे शहरों में तो यह योजना बेहतर तरीके से संचालित हो रही है लेकिन रीवा में उदासीन व्यवस्था का शिकार हो गई है। करीब तीन वर्ष पहले शुरू की गई सूत्र सेवा की बसों की जो संख्या निर्धारित की गई है उसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। सिटी बसों के संचालन के लिए नगर निगम ने तीन क्लस्टर बनाए थे। जिसमें 23 बसों के एक क्लस्टर में टेंडर पूरा होने के बाद बस आपरेटर्स से अनुबंध भी हो चुका है कि वह निर्धारित संख्या में सिटी बसें चलाएंगे। करीब तीन वर्ष का समय पूरा हो रहा है लेकिन अब तक निर्धारित संख्या में बसें नहीं चलाई जा सकी हैं। इससे शहर के भीतर लोगों को आवागमन में पहले की तरह ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण की वजह से इनदिनों लॉकडाउन चल रहा है लेकिन कलेक्टर ने पहले कहा था कि वह रेलवे स्टेशन में आने वाले यात्रियों को शहर के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाने में सिटी बसों को लगाएंगे। हालांकि अभी टोटल लॉकडाउन के चलते वह भी बंद हैं लेकिन यदि सभी बसों की जरूरत पड़ती तो वह इस समय नगर निगम के पास मौजूद नहीं हैं।
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- 100 दिन के भीतर सभी बसें चलाने का था अनुबंध
नगर निगम ने टेंडर स्वीकृत करने के बाद बस आपरेटर्स के साथ अनुबंध किया था कि वह शुरुआत में कम बसों से शुरुआत कर सकते हैं लेकिन 100 दिनों के भीतर सभी निर्धारित 23 बसें चलाना अनिवार्य होगा। सितंबर 2018 में शहर में सूत्र सेवा की सिटी बसें चलाने की शुरुआत हुई थी। कहा गया था कि रीवा में इस सेवा को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। लेकिन सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो सका है।
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- तीन क्लस्टर में चलाई जानी हैं बसें
सूत्र की बसों के संचालन के लिए तीन क्लस्टर नगर निगम ने बनाए हैं। जिसमें एक क्लस्टर में 23, दूसरे में 18 और तीसरे में 19 बसों के संचालन का प्रावधान किया गया है। 23 बसों के क्लस्टर का टेंडर हुआ है। जिसमें अभी 12 बसें चलाई जा रही हैं। 11 बसों को और चलाया जाना है। वहीं दो क्लस्टर्स का अब तक टेंडर ही नहीं हो सका है। योजना के तहत दो तरह की बसों के संचालन का प्रावधान है। मिडी बस जिसमें &4 सीटें होती हैं, इसके साथ ही स्टैंडर्ड बसों में 52 सीटों की व्यवस्था होगी। बड़ी बसों को दूसरे शहरों से जोडऩे के लिए संचालित किया जाएगा। जिसमें जबलपुर, छतरपुर, सिंगरौली, अनूपपुर आदि शहरों में भी रीवा की बसें जाएंगी।


- निगम संसाधन नहीं दे पाया
इस योजना में ऐसा नहीं है कि केवल बस आपरेटर्स की मनमानी या उदासीनता रही हो। नगर निगम की ओर से भी जो संसाधन उपलब्ध कराए जाने थे वह अब तक नहीं दिए गए हैं। यहां तक की शहर के भीतर जो बस स्टापेज बनाए जाने थे वह भी ठीक तरह से नहीं बनाए गए हैं। पूर्व से बनाए गए विज्ञापन के शेल्टर को बस स्टापेज बताया जा रहा है। शहर के भीतर न्यू बस स्टैंड से चलने वाली बस बजरंग नगर, सिरमौर चौक, कॉलेज चौराहा, शिल्पी प्लाजा, स्वागत भवन, कलामंदिर, हॉस्पिटल चौक, धोबियाटंकी, पीटीएस चौक आदि स्थानों पर सवारियों के लिए खड़ी किए जाने का निर्देश है। वहीं रेलवे स्टेशन से चलने वाली स्टेशन मोड़, ट्रांसपोर्ट नगर, एजी कॉलेज तिराहा, जेपी मोड़, पडऱा, ढेकहा तिराहा, जयस्तंभ, पुराने बस स्टैंड के सामने, कलेक्ट्रेट, मार्तण्ड स्कूल तिराहा, कॉलेज चौक, सिरमौर चौक, बजरंग नगर, न्यू बस स्टैंड, समान, होटल लैंडमार्क, रतहरा आदि स्थानों पर स्टापेज बनाया जाना है। इसमें से कई स्थानों पर दुकानें लग रही हैं और नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना ही नहीं ट्रांसपोर्ट नगर में बस स्टैंड बनाने का कार्य भी लंबे समय से रुका हुआ है।
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तकनीकी कारण भी बने रुकावट
बसों के संचालन को लेकर कुछ तकनीकी कारण भी लगातार रुकावट बनते रहे हैं। बीते साल नई बसें खरीदने की तैयारी बस आपरेटर की ओर से की गई थी, लेकिन उसी दौरान बीस-6 वाहनों की अनिवार्यता की वजह से प्रक्रिया रुक गई। उन दिनों बाजार में बीएस-6 वाहन नहीं मिल रहे थे। इसके बाद बीते साल मार्च महीने के बाद से कोरोना का लॉकडाउन शुरू हुआ जो कुछ महीने के लिए खुला ही था कि अब फिर से करीब महीने भर से अधिक समय से रीवा के साथ ही अन्य शहरों में भी लॉकडाउन है। जिसके चलते नई बसों के आने का कार्य रुका हुआ है।



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