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ब्लैक और व्हाइट से ज्यादा खतरनाक है 'येलो फंगस', गाजियाबाद में मिला पहला केस

Monday, May 24, 2021

/ by REWA TIMES NOW

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के साथ ब्लैक फंगस फिर व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस ने देश के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। देश में येलो फंगस का पहला मामला गाजियाबाद में पाया गया है। वहीं डॉक्टर मानते हैं कि येलो फंगस बाकि दोनों फंगस से ज्यादा खतरनाक है। डॉक्टरों की माने तो अब तक यह फंगस सिर्फ़ जानवारों में पाया जाता था, पहली बार किसी इंसान में यह पाया गया है।

येलो फंगस का पहला मामला
येलो फंगस गाजियाबाद के निवासी में पाया गया, जिसकी उम्र 45 वर्ष की है। उसके बेटे ने मीडिया को बताया कि उसके पिता को दो महीनों से कोरोना है, अब वह रिकवर होने लगे थे। तभी अचानक उनकी आंख और नाक से खुन निकलने लगा जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया।
  
क्यों अलग हैं येलो फंगस 
जहां अभी तक ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के मामले सामने आ रहे थे। वहीं, पहला येलो फंगस का मामला सामने आने से डॉक्टर घबरा गये है। उनका माना हैं कि अब तक यह फंगस सिर्फ़ जानवरों में देखा जाता था। पहली बार किसी इंसान में यह फंगस देखा गया है। येलो फंगस के लक्ष्ण भी ब्लैक और व्हाइट फंगस की तरह ही है। जैसे कि नाक बहना, सिरदर्द होना। यह फंगस घाव को भरने नहीं देता और इसी कारण से इसे ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। जैसे ब्लैक और व्हाइट फंगस दिमाग पर असर करता है उसी तरह से यह शरीर के अंदर असर करता है। यह अंगों को पूरी तरह से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह इंसान की मृत्यु हो जाती है।

येलो फंगस के लक्ष्ण
जिस मरीज मे येलो फंगस पाया गया है, वह सुस्त था उसे कम भूख लग रही थी। वजन कम होता जा रहा था। उसे धुंधला दिखने लगा था। उन्होंने बताया कि यह फंगस शरीर के आंतरिक रुप से शुरू होता है और जैसे-जैसे यह बढ़ता जाता है बीमारी और घातक होती जाती है। 

 



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Yellow Fungus first case reported in Ghaziabad
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