
रीवा. विंन्ध्य के सबसे बडे हॉस्पिटल संजय गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड का टोटा है। ब्लड बैंक में क्षमता के दस फीसदी भी ब्लड नहीं है। यही नहीं ब्लड बैंक में ए-पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड एक भी यूनिट नहीं है।
एक्सचेंज के भरोसे 1200 बेड का अस्पताल
ब्लड एक्सचेंज के भरोसे 1200 बेड का अस्पताल चल रहा है। गनीमत है कि कोरोना काल में अस्पताल के ज्यादातर बेड खाली पडे हैं। एसजीएम के ब्लड बैंक में गुरुवार की सुबह रेकार्ड के अनुसार महज 23 यूनिट ब्लड है। जबकि यहां पर स्टाक की क्षमता 400 यूनिट है।
कोरोना काल में पचास फीसदी ब्लड की मांग घटी
कोरोना काल में रक्तदान शिविर आयोजित नहीं किए जा रहे हैं, जिससे ब्लड बैंक में रक्त की कमी आ गई है। सामान्य दिनों की अपेक्षा कोरोना काल में ब्लड की आश्यकता पचास फीसदी कम हो गई है। अस्पताल में वर्तमान समय में प्रतिदिन औसत 25 यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। ब्लड बैंक में रक्त की कमी है। एक्सचेंज के भरोसे जैसे-तैसे व्यवस्था चल रही है।
ब्लड बैंक में ए-पॉजिटिव ग्रुप का स्टाक नहीं
ब्लड बैंक मे ए-पॉजिटिव ग्रुप का एक भी यूनिट ब्लड नहीं था। जबकि बी-पॉजिटिव एक यूनिट, ओ-पॉजिटिव 12 यूनिट, ए-बी पॉजिटिव 5 यूनिट, ए-निगेटिव-4 यूनिट, ओ-निगेटिव-एक यूनिट उपलब्ध है। पूरी क्षमता का महज पांच प्रतिशत ब्लड है। 95 प्रतिशत स्टाक खाली है। मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है।
प्लाज्मा का 200 से अधिक स्टाक
एसजीएमएच के ब्लड बैंक में प्लाजमा का स्टाक अभी पर्याप्त है। बताया कि 200 से अधिक प्लाज्मा स्टाक में हैं। इसी तरह प्लेटलेट, पैक्सेल आदि भी स्टाक में उपलब्ध है।
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