पीड़ित युवती का वीडियो वायरल करना सुप्रीम कोर्ट की अवमानना,मामला कोतवाली थाना अंतर्गत के मुख्त्यारगंज का
रीवा और सतना की पुलिसिंग में क्या रहा फर्क,जोन के वरिष्ट पुलिस अधिकारी लें संज्ञान!
सतना शहर व जिले में लोग नियम व कानून का ठेगा दिखाने से बाज नहीं आते। इसमें अपने आप को कलम का मसीहा समझने वाले व जनप्रतिनिधि भी शामिल है। परसों रात को मुख्त्यारगंज में हुई घटना पर कुछ गैर जिम्मेदार लोगों ने समाज में उत्तेजना फैलाने का प्रयास किया। उनके गैर जिम्मेदाराना कृत्यों से यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसे तत्वों पर कार्यवाही कब होगी,यह जान बूझ कर *सुप्रीम कोर्ट अवमानना की गई है,क्योंकि किसी पीड़ित युवती (महिला )का वीडियो वायरल नहीं किया जा सकता चाहे वो कॄत रीवा के शाहपुर में हुआ हो या सतना के कोतवाली थाना में* सूत्रों की माने तो,यह सब कृत्य पुलिस पर दबाव बनाने व पीड़ित लड़की को बदनाम करने के उद्देश्य किया गया ,लेकिन थाने में कुर्सी में बैठे पुलिस वाले जो वीडियो बना रहे हैं वह तो सीधे सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की अबमानना है ,जो कतई नही होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार लड़की ने न्यायालय के समक्ष 164 में बयान देते हुए बताया कि उनके साथ हल्का-फुल्का दुर्व्यवहार किया गया। लेकिन कोई भी अश्लील कार्य नहीं किया गया। *पुलिस को चाहिए कि इन तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ,जिससे यह आगे शहर में उत्तेजना फैलाने से बाज आएं,साथ ही जिले के कप्तान या जोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जरूर संज्ञान लें,जिन पुलिस कर्मियों ने थाने में बैठ कर पीड़ित युवती का वीडियो बनाने का कृत किया है।
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