सांसद की पैदल यात्रा के बाद जागरूक हुए ग्रामीण।
शासकीय राशन की दुकान पर व्याप्त भ्रस्टाचार को लेकर जताया विरोध।
भले ही सरकार गरीब, मजदूर व आम जनता को लाभ पहुंचाने अनेकों योजनाएं संचालित कर जनता को लाभ पहुंचाने की दिशा में लाख प्रयास करले लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लचर व्यवस्था के चलते लोगों को उसका सही तरीके से लाभ नही मिल पा रहा है। मामला है शासकीय खाद्यान दुकानों का जंहा कोरोना कर्फ़्यू के दौरान केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गरीबों को उपलब्ध कराए जाने वाले मुफ्त खाद्यान्न को लेकर खाद्यय बिभाग के अधिकारी कर्मचारी व स्थानीय स्तर पर कोटेदार जम कर भ्रस्टाचार कर रहे है।
इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब गांव गांव लोगों को जागरूक करने रीवा सांसद पैदल यात्रा निकाल कर ईंटार पहाड़ पंचायत, स्थित पोखरा यादव बस्ती पहुंचे और वंहा मौजूद लोगों से पूंछा की मोदी व शिबराज सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाने वाला खाद्यान्न मिल रहा है की नही ? सांसद के इस सवाल के बाद एक स्वर में वंहा मौजूद लोगों ने अपनी पीड़ा सुनाई। वंही सांसद समेत फ़ूड अधिकारी से लोगों ने सरकारी खाद्यान्न दुकानों में मुफ्त मिलने वाले खाद्यान्न को लेकर हो रही मनमानी व कोटेदारों द्वारा की जा रही भर्रेशाही से अबगत कराया और बताया की कोटे में जम कर भ्रस्टाचार किया जा रहा है। अधिकतर लोगों को खाद्यान्न नही मिलता । जिनको मिलता भी है उन्हें निर्धारित मापदंड से कम दिया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले 10 किलो अनाज की जगह मात्र 5, किलो ही दिया जा रहा है। वंही राज्य सरकार द्वारा भी जो खाद्यान्न मुफ्त वितरित किया गया उसमे भी कोटेदारों की लूट खसोट जारी है। सुनिए खाद्य अधिकारी और सांसद ने इस संबंध में लोगों को क्या समझाइस दी और कहा कि गरीबों का जो खाद्यान्न खायेगा उसकी जांच करा कर उसे फांसी दी जायेगी वंही खाद्यय अधिकारी गौरी मिश्रा ने भी शासन द्वारा उपलब्ध कराये गए खाद्यान्न की उपलब्धता के संबंध में लोगों को जानकारी दी।
इधर सांसद द्वारा जागरूक किये जाने के बाद अब लोग कोटेदार की मनमानी के बिरोध में उतर आये है, तथा बड़ी तादात में ईंटार पहाड़ पंचायत के लोग सरकारी दुकान में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सांसद से शिकायत करने सड़क पर उतरे। हालांकि सांसद के दूसरे मार्ग से निकल जाने के बाद लोगों को निराश होना पड़ा। इसके बाद भी लोगों ने खाद्यान्न दुकान की मनमानी और भ्रस्टाचार को लेकर मीडिया को अपनी पीड़ा बताई। और कहा कि कोटेदार लगातार मालामाल हो रहे हैं।और बेमानी संपति खरीद रहे है। वही लोग खाद्यान्न ना मिलने से भूखों मरने की कगार हैं। एक तरफ जहां शासन की यह योजना है की वृद्धि व विकलांगों को उनके घर तक खाद्यान्न पहुंचाया जाए वहीं दूसरी तरफ सरकारी दुकानो पर खाद्यान्न लेने पहुंचने पर भी खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है। आप खुद सुनिए लोगों की पीड़ा।
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