7 लाख छात्रों की Exam Fees डकार गया MP Board, मंत्री बोले-नहीं है पैसे, सब खर्च हो गए
भोपाल
प्रदेश का एमपी बोर्ड स्कूली बच्चों की एग्जाम फीस वापस नहीं करेगा ये बात शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही है मंत्री का कहना है कि वह पैसा नहीं दे पाएंगे इसके पीछे तर्क दिया कि उत्तर पुस्तिकाएं और प्रश्न पत्र छप चुके हैं सेंटर को पैसे दिए जा चुके हैं विद्यालयों को फंड भी दे चुके हैं.साथ ही परीक्षा के बाद कॉपी जांचने के लिए पैसा दिया जाता है वह भी दिया जा चुका है इसलिए परीक्षा की फीस वापस नहीं की जा सकती
7 लाख छात्र बैठने वाले थे परीक्षा में
दरअसल, कोरोना के चलते प्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं. ऐसे में छात्रों से लिया गया परीक्षा शुल्क वापस करने की मांग बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने की थी बता दें कि परीक्षा का आयोजन माध्यमिक शिक्षा मंडल करता है. लगभग 7 लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठने वाले थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते परीक्षा रद्द कर दी गई
विधायक त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा था कि 'परीक्षा शुल्क लिया जा चुका है,जोकि लगभग 180 करोड रुपए है और मंडल के पास जमा है. अब ना तो परीक्षा हुई और ना ही उत्तर पुस्तिकाएं,प्रश्न पत्र और अन्य व्यवस्थाओं की आवश्यकता पड़ी जिससे मंडल पर कोई भार भी नहीं आया अब इन सबको देखते हुए छात्रों को परीक्षा शुल्क वापस किया जाए. त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना में गरीब और मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है सभी लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,ऐसे में मंडल द्वारा उनका पैसा वापस किया जाए
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