मन्दसौर - मिड इंडिया अंडर ब्रिज निर्माण रोकने के मामले में क्षेत्र के नागरिकों व श्री महेश कुमार मोदी,गोपाल गुप्ता एवं अनिल शर्मा की ओर से अभिभाषक एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राघवेन्द्रसिंह तोमर द्वारा दिनांक 7 जून 2021 को कार्मिक,लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग नई दिल्ली में पश्चिम रेल्वे रतलाम मण्डल DRM श्री गुप्ता व सीनियर DEN श्री मीणा के विरुध्द शिकायत भेजी गई थी जिसे 8 जून 2021 को दर्ज कर लिया गया है । जिसका शिकायत नम्बर WRCCG/O/2021/00072 श्री महेश कुमार मोदी आदि के अभिभाषक डॉ तोमर को ईमेल पर विभाग की ओर से सूचनार्थ दिया गया है ।
की गई शिकायत संलग्न है ।
प्रति,
1 Central vigilenc commission New Delhi
द्वारा चीफ विजिलेंस ऑफीसर चर्च गेट मुंबई
2 Railway board vigilance. NEW Delhi
विषय - मंदसौर नगर में रेलवे फाटक क्रमांक151B पर बनाए जाने वाले अंडर ब्रिज के काम को रेलवे के अधिकारीयों द्वारा बार-बार रुकवाने तथा डीआरएम रतलाम श्री गुप्ता व सीनियर DEN( north) श्री एस डी मीणा द्वारा बदनियती से अपने कर्तव्यों की उपेक्षा के संबंध में शिकायत बाबत ।
महोदय
मंदसौर नगर के नागरिकों की ओर से निम्नलिखित शिकायत प्रस्तुत है।
1- मंदसौर नगर की करीब 30 - 35 हजार जनता रेलवे पटरी के उस पार अभिनन्दन क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों में निवास करती है,इस क्षेत्र की जनता का मंदसौर नगर से संपर्क हेतु एक मात्र रेलवे समपार फाटक क्रमांक 151 B है,वर्तमान में यह फाटक अंडरब्रिज निर्माण के लिए जनवरी माह 2020 से लेकर आज दिनांक तक आवागमन के लिए पूर्ण रूप से बंद चला आ रहा है। तथा आज दिनांक तक अंडर ब्रिज का कार्य पूरा नहीं हुआ ।
2- यह कि इस रेलवे फाटक के स्थान पर ठेकेदार द्वारा अंडर ब्रिज निर्माण प्रारंभ कर दिए जाने के पश्चात रेलवे के अधिकारियों द्वारा मनमानी कर निर्माण कार्य में लगातार अवरोध उत्पन्न किये जा रहे हैं। जिसका विवरण निम्नानुसार है
A- यह कि निर्माण की समस्त औपचारिकता की पूर्ति के पश्चात ठेकेदार द्वारा फाटक के एक साइड में दो 13×13 वर्गमीटर के throst फरवरी से जून 2020 में लंबे समय में पूर्ण हो सके।इस दौरान अधिकारीयों द्वारा लगातार अवरोध उत्पन्न कीये जाते रहे है। कई बार 8-8 दिन तक मोके पर रेलवे के अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं आते थे इस कारण ठेकेदार तथा मजदूर इंतजार करते रहते थे। जिसके कारण लगातार बाधा उत्पन्न होती थी। रेलवे के जवाबदार उच्च अधिकारियों ने इस फाटक पर अंडर ब्रिज निर्माण के निरीक्षण के लिए किसी इंजीनियर की नियुक्ति नहीं की थी तथा निरीक्षक इंजीनियर्स का हेडक्वार्टर मंदसोर में नहीं बनाया था इसके चलते निर्माण में लगातार अवरोध उत्पन्न होते रहे हैं।
B- यह कि इसके बाद माह जुलाई से 10 अगस्त 2020 तक अंडर ब्रिज निर्माण का काम पुर्णरुप से बंद रहा । रेलवे के अधिकारी इस अंडर ब्रिज के निर्माण को लेकर लगातार उदासीन रहे और उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया ।
C- यह कि दिनांक 10 अगस्त से 18 अक्टूबर 2020 तक एक साइट के दोनों ब्लॉक तैयार हो गए इसके बाद पुनः 18 अक्टूबर से मौके पर काम बंद करवा दिया जो दिसंबर 2020 तक बंद रहा। और रेलवे के अधिकारीगण मौके पर निरीक्षण करने भी नहीं आए और ना ही ठेकेदार को किसी प्रकार दबाव डालकर कार्य में प्रगति लाने के संबंध में कोई कार्रवाई करी। साथ ही रेलवे ने अपने हिस्से के कार्य मौके पर नहीं किए जैसे सिग्नल हटाना, केवल हटाना, केवल की डीपी हटाना आदि इसके अभाव में ठेकेदार को आगे कार्य की चाल ही नहीं मिली। यहां पर भी रेलवे के अधिकारियों की उदासीनता मनमाना पन और लापरवाही सामने दिखी। इसका क्या कारण था समझ में नहीं आया यह आपकी जांच का विषय है कि उनने किस कारण से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया मात्र 7 करोड़ के कार्य में 2 वर्ष से अधिक समय लगना इन अधिकारियों की योग्यता और कार्य क्षमता को कटघरे में खड़ा करता है ।
D- यह कि बाद में Throst की डिजाइन बदल जाने के कारण 19 दिसंबर से 18 मार्च 2000 इस फाटक के दूसरी से तरफ के दोनों ब्लॉक तैयार हो गए तबसे लेकर आज तक मौके पर काम पुर्ण रुप से बंद है।
4- यह कि ठेकेदार को रेलवे के अधिकारियों ने नोटिस देकर 7 दिन के अंदर अंदर दो बड़ी क्रेन मशीन अन्य मशीन की मौके पर व्यवस्था करने का आदेश दिया था तथा मशीनें मौके पर आने के बाद ठेकेदार से कार्य करवाने के लिए 21 दिन में पूरा करने का लिखित आश्वासन लिया। यह सब होने के पश्चात डीईएन श्री मीणा ने आगे की निर्माण की अनुमति नहीं दी। सूत्रों से जानकारी मिली है कि श्री मीणा एक या दो माह में रिटायर होने जा रहे है।
5- यह कि अंडर ब्रिज निर्माण प्रारंभ होने के पूर्व रेलवे पटरी के उस पार के कुछ व्यक्तियों ने इस ब्रिज निर्माण को लेकर आपत्ति उठाई थी तथा यह लोग रेलवे बोर्ड के किसी अधिकारी के सहयोग से काम रुकवाने में सफल भी हो गए थे। किंतु जनता व जनप्रतिनिधियों की मांग पर रेलवे बोर्ड द्वारा रेलवे फाटक क्रमांक 151 बी पर अंडर ब्रिज के निर्माण की स्वीकृति दी ।इसके बाद भी यह लोग मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जाकर याचिका भी प्रस्तुत करी जो न्यायालय द्वारा निरस्त कर दी गई। इस प्रकार इन लोगों द्वारा इस ब्रिज निर्माण को रुकवाने के लिए काफी बड़ी राशि खर्च की हैै। इसमें कई अधिकारियों को भी लाभ प्राप्त हुआ। इस कारण हम नागरिकों को अंदेशा है कि रेलवे के अन्य अधिकारियों से भी इन लोगों ने भी संपर्क किया होगा जो कि निकट भविष्य में रिटायर्ड होने जा रहे है। इसी कारण से रेलवे के जिम्मेदार अधिकारीयों ने मनमाने ढंग से ब्रिज का निर्माण कार्य रुकवा दिया जिससे विरोधियों की पराजय की पीड़ा कम हो सके और इस क्षेत्र की जनता को और अधिक पीड़ा उठानी पड़े।
6- यह कि DRM रतलाम श्री गुप्ता व डीईएन श्री मीणा दिनांक 01-06-2021 को अंडर ब्रिज निर्माण स्थल पर आए और उन्होंने पब्लिक व मीडिया के सामने स्पष्ट रुप से बताया कि रेलवे के नियम के अनुसार 7 मई के पश्चात पटरी के नीचे किसी प्रकार की कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाती है। यह नियम पूरे भारत में है तथा यह भी कहा कि अंडर ब्रिज रेलवे व नगरपालिका मंदसोर की 50% शेयरिंग बेसिस पर निर्माण हो रहा है तथा जब तक शेरिग का पूरा पैसा जमा नहीं हो जाता तब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता है,DRM के उक्त कथन के प्रकाश में निन्नलिखित प्रश्नों उत्पन्न हो गए हैं। जिसकी गंभीरता से जांच आवश्यक है ताकि सही स्थिती सामने आ सके ।
a. यह कि जब नगर पालिका ने अपने हिस्से की आधी राशि ही जमा करवाई तो DRM ने रेलवे के नियम तोड़कर अंडर ब्रिज का निर्माण का काम कैसे आरंभ करवा दिया ? क्या DRM को रेलवे के नियम तोड़ने के अधिकार हे ? DRM ने पत्रकारों को यह भी बताया कि 7 मई के बाद निर्माण कार्य की अनुमति किसी भी परिस्थिति मैं नहीं दी जा सकती है। प्रश्न उठता है कि उन्होंने ठेकेदार को 08-05-2021को सूचना पत्र देकर 7 दिवस मैं मशीनें मौके पर लाने क्यों कहा , जब मशीन आ गई तब करीब 4 - 5 दिन तक कोई भी अधिकारी मोके पर नहीं आया। अब यहां प्रश्न उठता है कि जब 7 मई बाद काम करने की अनुमति नहीं देने का नियम हे ,तो 8 मई को ठेकेदार को नोटिस देकर मशीनें क्यों बुलवाई ? ठेकेदार ने करीब 15 लाख रुपय जमा करवाकर अर्जेंट में मशीनें मंगवाइ किंतु काम नहीं होने से मशीनें वापस करना पड़ी। अब ठेकेेेदार नुकसानी की मांग कर रहा है। इस प्रकार श्री गुप्ता व श्री मीणा ने मनमानी करके ठेकेदार के साथ झगड़ा खड़ा कर दिया । इसका दुष्प्रभाव निश्चित रूप रेलवे पर पड़ेगा और रेलवे को क्षतिपूर्ति करना पड़ेगी। ठेकेदार ने claim भी कर दिया है । इस प्रकार श्री गुप्ता व श्री मीणा द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया । जो कि भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत तथा भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए श्री गुुप्ता व श्री मीणा तथा उनके साथी अधिकारियों की official conduct की जांच की जाकर इन लोगों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण कायम किया जाकर, प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जावे। इन व्यक्तियों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है व निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी करी है और सार्वजनिक रूप से आमजन को काफी परेशानियां वह आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। इस कारण श्री मीणा रिटायर हो रहे हैं तो उनके रिटायरमेंट के समस्त बेनिफिट्स जांच होने तक रोके जावे।
अतः रिपोर्ट पेश कर निवेदन है कि इस तथ्य की जांच की जावे की अंडर ब्रिज निर्माण मैं इतना अधिक समय क्यों लगा तथा किन किन कारणों से समय-समय पर काम रुकवाया गया है यह भी जांच की जावे कि श्री मीणा एवं उनके अधिकारी किसी अपराधिक षड्यंत्र के तहत तो यह कार्य में रुकावट तो उत्पन्न नहीं कर रहे हैं
स्थान - मन्दसौर
दिनांक - 04-06-2021
रिपोर्ट कर्ता-
महेश कुमार मोदी,
गोपाल गुप्ता
अनिल शर्मा
पता- सभी निवासी अभिनंदन एवं शांतनु विहार कालोनी
रेलवे स्टेशन के पास मंदसौर मध्यप्रदेश-458001
(mobile numbers) 9424899878,9826238948,
7987429778,9425123579,)
द्वारा-डॉ राघवेन्द्रसिंह तोमर
अभिभाषक उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश
मोबाईल नम्बर - 9926013463
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